यह सच्ची कहानी एक ऐसे रेल कर्मचारियों के बेटे की है, जिसे की अपने घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही ज्यादा कमजोर होने के कारण, कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और बहुत ही कम उम्र में पढ़ाई छोड़, नौकरी करनी पड़ती है।
लेकिन वह रुकता नहीं है और आगे व्यवसाय में चला जाता है, जहां पर वह अपने मेहनत और परिश्रम से अपने कंपनी को दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट फैशन चैन बना देता हैं। जिसके बम पर वह दुनिया का सबसे अमीर इंसान बन जाता है।
जी हां, यह कहानी है। "Zara जारा" और उसके साथी कंपनियों के संस्थापक और मालिक कहे जाने वाले "अमानसियो ओर्टेगा" की। जीने की अपने शुरुआती जीवन में बहुत ही ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे लड़ते हुए वह जारा को इतिहास का सबसे सफल ब्रांड बनाने में सफल रहे हैं।
उनका जीवन बहुत ही ज्यादा प्रेरणादाई होने के साथ ही, एक सफल ब्रांड बनाने के लिए आवश्यक कई महत्वपूर्ण चीज सिखाता है। जिसके बारे में और भी गहराई से जानने के लिए आगे पढ़िए...
शुरुआती जीवन: एक गरीब परिवार का संघर्ष
अमान्सियो ओर्टेगा गौना का जन्म 28 मार्च 1936 को स्पेन के एक छोटे से गांव बस्डोंगो दे अरबास मैं हुआ था, जिसकी लोक संख्या 100 से भी कम थी। ओर वह अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटे होते है।
उनके पिता एंटोनियो ओर्टेगा रेलवे में कर्मचारी थे। जहां पर वह रेल की पटरियों में सुधार ओर मरम्मत का काम किया करते थे। आगे चलकर उनका ट्रांसफर स्पेन के दूसरे शहर ए करूंना में कर दिया जाता है।
इस नई जगह पर उन्हें रहने के लिए रेलवे के द्वारा ,एक गंदासा क्वार्टर दिया जाता है। जहां पर अमेनसियो को अपने परिवार के साथ रहना पड़ता है।
जिस दौरान परिवार में सदस्यों की संख्या ज्यादा होने और पिता की तनख्वाह कम होने के कारण, उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। इस मुश्किल समय में उनकी मां जोसेफा गौना हर्नांडेज़ अपने पति का साथ देने के लिए, घर-घर जाकर काम किया करती थी।
मां का अपमान और जीवन बदलने वाला संकल्प
इस दौरान हालात यहां तक बिगड़ जाते हैं कि, उनकी मां को लोगों से पैसे मांग कर घर चलना पड़ता है। एक दिन की बात है, जब उनकी मां दुकान जाकर उधार समान देने के लिए विनती करती है, लेकिन वह दुकानदार सामान देने के बजाय उनकी मां का बहुत ही ज्यादा अपमान करता है, और दुकान के बाहर निकाल देता है।
जैसे ही इस बारे मे अमान्सियो को पता चलता है, तब उन्हें बहुत ही बुरा लगता है और इस चीज का उन पर काफी गहरा असर होता है। जिससे कि वह अपने माता-पिता की मदद करने के हेतु से, सिर्फ 14 साल की उम्र में पढ़ाई को छोड़ देते हैं, और नौकरी के तलाश में निकल जाते हैं।
पहली नौकरी और व्यापार की सीख
आगे चलकर शहर के गाला नामक शर्ट निर्माता के पास उन्हें काम मिल जाता है। जहां पर शुरुआत में वह कपड़ों को ग्राहक के घर पहुंच निकाल काम किया करते थे।
यहां पर काम करने के दौरान वह कपड़ों को सीने, ग्राहकों से बात करने के तरीके के साथ व्यवसाय की कई महत्वपूर्ण चीज सीखते हैं। जिससे कि उन्हें बहुतही कम समय में गाला का सीनियर मैनेजर बना दिया जाता है।
यहां नौकरी करते हुए जब भी उन्हें खाली समय मिलता तब वह अपने बहन की दुकान में जाते थे। जिस दौरान उन्हें ऐसे कपड़े जो ग्राहकों के द्वारा खरीदे नहीं जाते थे, उनसे होने वाले नुकसान के बारे में पता चलता है। जिससे कि वह इन कपड़ो में छोटे-मोटे बदलाव कर दूसरे दुकानदारों को बेच कर, अच्छा मुनाफा कमा लिया करते थे।
आगे चलकर वह बार्सिलोना से सस्ते मे कपड़ों के फाइबर लेकर शहर के बाकी कपड़ा निर्माता को बेचने का काम करते हैं, और इस तरह वह व्यवसाय में अपने कदमों को आगे बढ़ते रहते हैं।
Zara की शुरुआत और ब्रांड विजन
यह बात 1963 की है, जब अमेनसियो खुद कपड़े बनाने के हेतु से "कनफेक्शन्स गोआ Confecciones Goa" की शुरुआत करते हैं। यहां पर वह कपड़े सीने वाली औरतों के समूह का निर्माण करते हैं, और उन्हें काम करने के लिए एक अच्छे माहौल का निर्माण करते हैं।
वह अपने इस नए व्यवसाय से, शुरुआत में बच्चों के लिए लींगेरी वेयर ओर औरतों के लिए नाइट गाउन को बनाकर कपड़े के दुकानों को बचते थे। इसी दौरान साल 1966 में वह रोसालिया मेरा से शादी कर लेते हैं।
आगे चलकर वह कई अलग-अलग तरह के कपड़ों को बनाने लगते है। जिससे कि उनके कपड़ों की मांग बढ़ने लग जाती है, जिसे पूरा करने के लिए वह अपने प्रोडक्शन की क्षमता को बढ़ने पर काम करते हैं। जिसके लिए वह ज्यादा लोगों को काम पर रखते हैं, और बड़े वर्कशॉप का निर्माण करते हैं।
साल 1975 आते-आते उन्हें अपने व्यवसाय में अच्छी सफलता मिल जाती है, और व्यवसाय कई गुना तक बढ़ जाता है। लेकिन अब भी वह खुद कपड़े बनाकर बाकियों को सप्लाई किया करते थे। जिसमें की ज्यादातर आदमीयो के कपड़े ही हुआ करते थे।
इस दौरान खुद के कपड़े खुद ही बेचने का विचार अमान्सियो को आता है। जिससे कि वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर, जोरबा नाम से अपने पहले स्टोर को खोलते हैं। लेकिन उन्हें जल्दी यह बात पता चलती है कि, उनके एरिया में जोरबा नाम का बार भी है, जिससे कि वह स्टोर का नाम जोरबा से बदलकर "जारा zara" कर देते है। और यहां से वह अपने कपड़ों को जारा के नाम से बचने लगते हैं।
वह अपने ब्रांड के द्वारा किफायती दाम पर अच्छे क्वालिटी के कपड़े देने पर अपना लक्ष्य केंद्रित करते हैं। जिससे कि ग्राहकों को उनके द्वारा बनाए गए कपड़े बहुत ही ज्यादा पसंद आने लगते हैं, और उनके कपड़ों की मांग बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है, जिसे पूरा करने के लिए वह अपने स्टोर को अलग-अलग जगह पर खोलना शुरू कर देते हैं।
जब हम उनके ब्रांड के इतने लोकप्रिय होने के पीछे के कारण का पता लगते हैं, तब हमें अमेनसियो की व्यवसाय की तरकीब के बारे में पता चलता है। दरअसल वह ग्राहकों को जैसा चाहिए वैसा देने पर, और जल्द से जल्द उनकी डिमांड पूरी करने पर अपना लक्ष्य केंद्रित करते हैं।
वह हर साल कई नए-नए फैशन के कपडे और डिजाइन बनाते है, और जल्द-जल्द स्टोर के स्टॉक को बदलते रहते हैं। जिससे कि ग्राहक पसंद किए गए कपड़ों को अगली बार न मिलने के डर से उसे तुरंत खरीद लेते हैं।
इंडिटेक्स की शुरुआत और वैश्विक विस्तार
अमान्सियो के इन्हीं सब कदमों का नतीजा होता है, कि साल 1985 आते-आते उनके स्टोर पूरे स्पेन में फैल जाते हैं। अब वह चाहते थे कि, उनके व्यवसाय का वैश्विक विस्तार हो, ओर जारा के कपड़ों को विदेशों में भी पहना जाए। जिसके लिए वह "इंडिटेक्स inditex" कंपनी की स्थापना जारा ओर उसके मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के होल्डिंग कंपनी के तौर पर करते है। जिसके सीईओ वह खुद बनते हैं।
लेकिन इसी दौरान इनका उनकी पत्नी के साथ तलक हो जाता है। जिसका वह अपने व्यवसाय पर जरा सा भी असर पड़ने नहीं देते हैं।
साल 1988 में, वह पुर्तगाल के पोर्टो शहर में पहली बार देश के बाहर अपने पहले जारा के स्टोर को खोलते हैं, और यहां से उनके वैश्विक विस्तार की शुरुआत होती है। आगे चलकर वह अपने स्टोर्स को कई देशों में खोलते हैं।
आगे चलकर वह कपड़े और फैशन के क्षेत्र में लोकप्रिय ब्रांड खरीदने और खुद से बनने पर लक्ष्य केंद्रित करते हैं।
यह बात साल 1991 की है। जब वह आदमियों के लिए आरामदायक पहनावे (casual mens wear) बनाने के हेतु से इंडिटेक्स द्वारा "पुल एंड बेयर pull and bear" ब्रांड की शुरुआत करते हैं। आगे चलकर वह "Massimo Dutti" ब्रांड के 65% हिस्से को खरीदकर इंडिटेक्स के अंदर ले लेते है।
इसी तरह वह अपनी व्यवसाय को बढ़ाने के लिए कई अलग-अलग तरीके आजमाते हैं। जिससे कि साल 1998 आते-आते वह अपने स्टोर्स को दुनिया भर के कई देशों में खोलने में सफल रहते हैं। इसी साल शहरी हिप फैशन के कपड़े बेचने के हेतु से इंडिटेक्स के द्वारा "Bershka र्बेशका" ब्रांड को बाजार में उतरते हैं। सतही में आगे चलकर फीमेल फैशन ब्रांड "Stradivarius स्ट्रैडिवेरियस" को भी खरीद कर इंडिटेक्स में शामिल कर लेते हैं।
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति तक का सफर
व्यवसाय में इतनी बड़ी सफलता और विस्तार कर लेने के बाद, वह साल 2001 में अपनी कंपनी का IPO लॉन्च करते हैं। IPO के लॉन्च के दौरान वह पहली बार दुनिया के सामने आते हैं। ओर आगे भी उनके संपत्ति में और भी बढ़त देखी जाती है।
इसी दौरान 14 साल अकेले रहने के बाद वह "फ्लोरा पेरेज" से शादी कर लेते हैं। साथ ही में वह समाज सेवा करने के हेतु से "अमान्सियो ओर्टेगा फाउंडेशन" की स्थापना करते हैं।
साल 2011 आते-आते उन्होंने दुनिया के ज्यादातर देशों में अपनी व्यवसाय का विस्तार कर लिया था। जिससे कि वह दुनिया के सबसे बड़े फैशन चैन में से एक बन जाते हैं।
इस दौरान अमान्सियो बहुत ही जल्द अपने कंपनी से रिटायरमेंट लेने के बारेमे कहते है। बावजूद वह आगे भी अपने कई अलग-अलग ब्रांड में अलग-अलग जिम्मेदारियों को संभाले हुए रहते हैं।
यह बात साल 2015 की है, जब उनकी मूल कंपनी इंडीटेक्स के शेयर की कीमतें बहुत ही ज्यादा बढ़कर आसमान तक पहुंच जाती हैं। जिससे कि उनकी संपत्ति बहुत ही ज्यादा बढ़कर 80 बिलियन डॉलर के पार चली जाती है। जिससे कि वह उस समय के सबसे अमीर इंसान बिल गेस्ट को पीछे छोड़ते हुए वह दुनिया के सबसे अमीर इंसान बन जाते हैं, और बहुत ही ज्यादा वक्त तक इस स्थान पर बने हुए रहते हैं।
अगर आज की बात की जाए तो उनकी मूल कंपनी इंडीटेक्स और उसके साथी ब्रांड जैसे कि जारा और र्बेशका के दुनिया भर के 95 से भी अधिक देशों में 7200 से भी अधिक स्टोर्स उपलब्ध हे, जिसमे की 1.62 लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं।जो कि इसे दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट फैशन की श्रृंखला (chain) बनता है।
आज इंडिटेक्स कंपनी का मूल्यांकन (valuation) 171 बिलीयन डॉलर से भी अधिक है। और अमान्सियो के अपने कंपनी के 60-65 प्रतिशत हिस्से के मालिक होने के कारण, आज उनकी कुल संपत्ति 108 बिलियन डॉलर से अधिक है। जिससे कि वह दुनिया के 10 वें सबसे अमीर व्यक्ति के स्थान पर बने हुए हैं।
सादगी और समाज सेवा: एक असली प्रेरणासाथ ही में वह समाज सेवा में विश्वास रखते हैं। जिससे कि उन्होंने अब तक अपने कई सौ मिलियन डॉलर्स को समाज सेवा के कार्य में लिए दान किया है।
वह इतने अमीर व्यक्ति होने के बावजूद साधारण जीवन जीना पसंद करते हैं, और आज भी ऑफिस जाते समय साधारण व्यक्ति की तरह कपड़े पहन कर ही जाते हैं। उन्हें अपनी बेटी मारटा ओर्टेगा का सबसे करीबी माना जाता है। और उनकी बेटी को ही उनके साम्राज्य के अगले उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता है।
निष्कर्ष:
अमान्सियो ओर्टेगा की कहानी हमें यह सिखाती है कि संसाधनों की कमी कभी भी सफलता में बाधा नहीं बनती, अगर हमारे पास सपने, साहस और समर्पण हो। एक गरीब परिवार से निकलकर उन्होंने एक ऐसा ब्रांड खड़ा किया, जिसने फैशन की दुनिया को ही बदल दिया। यह जीवनी हर युवा उद्यमी के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
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