Larry Ellison Success Story | गरीबी से दुनिया के टॉप अरबपति बनने तक

                
      "Larry ellison biography Hindi"

हो सकता है कि, आपको ओरेकल कम्पनी के बारे में पता ना हो और उसका नाम तक ना सुना हो, लेकिन आज हर वह व्यक्ति जो मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है, वह जाने अनजाने और ओरेकल से जुड़ा हुआ है, और उनके डाटाबेस सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है। जिससे कि वह दुनिया की सबसे बड़ी डाटबेस सॉफ्टवेयर कंपनी बन गई है। 

लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि, इस कंपनी की शुरुआत एक ऐसे लड़के ने की थी, जिसे की उसके माता-पिता ने पैदा होने के कुछ दिनों बाद ही छोड़ दिया था ? 

जी हां यह कहानी है ओरेकल के संस्थापक लैरी एलिसन की, जीने की बचपन से ही अपने सगे माता-पिता क्या प्यार नहीं मिल, और आगे भी जीवन में कई बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिस दौरान दो बार उन्हें अपने कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती हैं।

जहां पर ज्यादातर लोग ऐसी परिस्थितियों में हार मान लेते हैं, वही लैरी हार न मानते हुए, अपने सूझबूझ ओर प्रोग्रामिंग के हुनर के साथ ओरेकल कंपनीकी शुरुआत करते हैं।

 जहां पर ज्यादातर कंपनियां अपने शुरुआती कुछ सालों में ही बर्बाद हो जाती है, वही लैरी को व्यवसाय का जरासा भी अनुभव न होने के बावजूद, वह ओरेकल को दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक के स्थान पर पहुंचा देते हैं और खुद दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बन जाते हैं।

उनके जीवन का यह सफर बहुत ही ज्यादा रोमांचक होने के साथ ही, अपने जीवन मे की कई बड़ी समस्याओं से लड़ते हुए; किस तरह आगे बढ़ते रहना चाहिए, यह सिखाता है। 

लैरी एलिसन की जीवनी, ओर ओरेकल की सफलता के बारे में और भी गहराई से जानने के लिए आगे पढ़िए.......

शुरुआती जीवन और संघर्ष → माँ की ममता और पिता की तानों के बीच पला एक 'हीरो'

लॉरेंस जोसेफ एलिसन का जन्म 17 अगस्त 1944 को न्यूयॉर्क शहर में हुआ था। उस समय उनकी मां फ्लोरेंस स्पेलमैन की उम्र सिर्फ 17 साल थी, ओर वह अविवाहित थी। वही उनके पिता US आर्मी में एक पायलट थे। 

बावजूद उनके पिता, उनके जन्म के बाद उन्हें अपनाने से मना कर देते हैं। जिससे कि उनकी मां को अकेले उनका पालन पोषण करना पड़ता है, जो कि उनकी मां के लिए है बहुत ही ज्यादा कठिनाई से भरा रहता है। 

जब लैरी 9 महीने होते हैं, तब वह निमोनिया के चपेट में आ जाते हैं, और उनकी तबीयत यहां तक बिगड़ जाते हैं कि, डॉक्टर कहते हैं, कि अब इस मासूम से बच्चे का बचना तक मुश्किल है, और अकेले उनके मां को उनका इलाज करना बहुत ही ज्यादा कठिन जा रहा था। जिससे कि उनकी मां अपनी कैलिफोर्निया रहने वाले चाचा-चाची को लैरी को गोद लेने के लिए दे देती हैं। 

उन्हें गोद लिए गए मां का नाम लिलियन एलिसन था, जो की लैरी को बहुतही ज्यादा प्यार और अपनापन दिया करती थीं, साथ ही में उनके हर चीज में साथ दिया करते थी। जिससे की लैरी को अपने मां से बहुत ही ज्यादा लगाव होता है। 

वही उन्हें गोद लिए गए पिता लुईस एलिसन बहुत ही ज्यादा गर्म मिजाज वाले व्यक्ति थे, जो कि लैरी को उनके स्कूल में सामान्य प्रदर्शन के कारण अक्सर ताने मारा करते थे, और यह कहां करते थे, कि तुम जीवन में कुछ नहीं कर सकते। 

इस तरह वह अपने पिता के तानों का सामना करते हुए और अपने मां के प्यार के साथ बड़े होते रहते हैं। इस बात से बेखबर की यह उनके असली माता-पिता नहीं है और उन्हें गोद लिया गया है। 

एक दिन की बात है, जब उनके पिता इस सच्चाई उन्हें बता देते हैं, जो कि उनके लिए किसी सदमे से काम नहीं होता था। जिससे उभारने में उन्हें कई दिन लग जाते हैं। 

शिक्षा में संघर्ष→ दो बार कॉलेज ड्रॉपआउट... लेकिन हार नहीं मानी!

वैसे तो वह अपने स्कूल में एक सामान्य विद्यार्थी थे, लेकिन उन्हें गणित और विज्ञान के विषय में खास दिलचस्पी होते हैं, और वह इन्हीं दो विषय में अच्छे थे। बावजूद वह पारंपरिक शिक्षा पद्धति को बिलकुल भी पसंद नहीं किया करते थे। 

अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद वह यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉइस में दाखिला लेते हैं। यहां पर उनके सेकंड ईयर के फाइनल एग्जाम के दौरान, उनके मां का देहांत हो जाता है, जिससे कि उन्हें बहुत ही ज्यादा बुरा और अकेलापन महसूस होता है, और वह यहा से ही कॉलेज को छोड़ देते हैं।

आगे 1966 के गर्मियों में वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में दाखिला लेते हैं। लेकिन किसी कारण वर्ष वह पहले साल के पहले सेमेस्टर में ही इसे छोड़ देते हैं।

करियर की शुरुआत 

दूसरी बार कॉलेज छोड़ देने के कारण, उनके पिता उन्हें ताने मारते हुए यह कहते हैं कि, अब तुम जीवन भर कुछ नहीं कर पाओगे। लेकिन लैरी उन्हें गलत ठहराने का निश्चय कर लेते हैं। 

इसी दौरान वह खुद से कोडिंग और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के बारे में सीख रहे होते हैं। जिससे कि उन्हें इसमें अच्छा ज्ञान प्राप्त हो जाता है। 

आगे वह अपनी इसी प्रोग्रामिंग के हुनर और जेब में कुछ पैसे लेकर कैलिफोर्निया चले आते हैं। जहां पर वह 8 साल कई अलग-अलग कंपनियों में कंप्यूटर प्रोग्रामर के तौर पर काम करते हैं। 

यह बात 1970 के दौरान कि है। जब लैरी अमदाही कॉरपोरेशन में लंबे समय काम करने के बात उसे छोड़कर, "एम्पेक्स" कारपोरेशन के साथ काम करना शुरू कर देते हैं। अब यहां से उनकी जिंदगी नया मोड़ लेने वाली थी। 

एम्पेक्स कारपोरेशन में लैरी को उनके सबसे पहले प्रोजेक्ट के तौर पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के लिए बन रहे, "रिलेशनल डाटाबेस सिस्टम" पर काम करने को मिलता है। 

जिससे कि CIA अपने पास स्थित दुनिया भर की जानकारी को इस डेटाबेस जमा कर सके, और जब चाहे तब इस जानकारी विश्लेषण analysis ओर इसका इस्तेमाल कर सके। 

इस दौरान बड़े-बड़े व्यवसाय और संस्थाओं में अपनी जानकारी जमा करने के लिए, टेप रिकॉर्डर में इस्तेमाल होने वाले टेप का इस्तेमाल किया जाता था। जो कि CIA और लैरी दोनों के लिए बहुत ही ज्यादा धीमा था, और इसमें जानकारी का विश्लेषण करना बहुत ही ज्यादा कठिनाई से भरा हुआ रहता था। 


ORACLE की शुरुआत → CIA से प्रेरणा, और दुनिया को हिला देने वाला डाटाबेस सिस्टम

यह बात साल 1977 की है, जब डेटाबेस के क्षेत्र में इतनी बड़ी समस्याओं को समझते हुए लैरी अपनी नौकरी को छोड़ देते हैं, और अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर अपनी नई कंपनी "सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लैबोरेट्रीज (SDL)" की शुरुआत करते हैं। जिसके सीईओ वह खुद बनते हैं। यह वह वक्त था,जब सिलिकॉन वैली की चिंगारी सुलग रही थी।

वह अपने कंपनी के शुरुआत से ही, एक आधुनिक ओर स्मार्ट डाटाबेस सिस्टम बनाने पर लक्ष्य केंद्रित कर रहे थे। दरअसल वह बड़े-बड़े व्यवसाय और संस्थाओं में जानकारी इकट्ठा करने उसका विश्लेषण करने और उसे संभालने के तरीके में क्रांति लाना चाहते थे। 

इसी दौरान लैरी आईबीएम के रिसर्च पेपर्स को पढ़ते हैं। जिसमें की उन्हें "IBM SYSTEM R" डेटाबेस का उल्लेख देखने को मिलता है। 

यह जानकारी को जमा करने, मैनेज और अलग करने की एक क्रांतिकारी तकनीक थी। लेकिन IBM को इसके कोड में कुछ तकनीकी समस्याएं आने के कारण, उन्होंने इसपर काम करना बंद कर दिया था।

भले ही IBM को इस नई तकनीक में कुछ खास संभावना नजर ना आई हो, लेकिन लैरी इसकी क्षमताओं के बारे में समझ गए थे, ओर ब्रूस स्कॉट और कुछ साथियों के साथ मिलकर इस पर काम करने लग जाते हैं। 

यह बात साल 1979 की है, जब वह वक्त से बहुत ही पहले IBM की तकनीक का इस्तेमाल करते हुए, नए डाटाबेस सिस्टम का आविष्कार करते हैं।

यह डाटाबेस सिस्टम अब तक के सभी डेटाबेस से आधुनिक था, जिसका नाम वह "ORACLE VERSON 2" रखते हैं।

सबसे पहले वह अपने इस नए डाटाबेस को CIA को बेचते हैं, जिससे कि वह अपने दुनिया भर के जानकारी को इसमें जमाकर, बहुतही ज्यादा तेजसे इस जानकारी का विश्लेषण ओर संभालकर रख सकते थे। और आगे भी वह अपने इस क्रांतिकारी उत्पाद को कई बड़े व्यवसाय ओर संस्थाओं को बेचते हैं।

यह बात साल 1983 की है, जब वह अपने कंपनी का नाम बदलते हुए "ओरेकल कॉरपोरेशन Oracle Systems Corporation" कर देते हैं।


सफलता - मेहनत का फल

लैरी अपने काम को जारी रखते हुए, अपने कंपनी के द्वारा डाटाबेस के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी आविष्कार करते हैं। जिससे वह अपने नए ओर ज्यादा प्रभावशाली डेटाबेस को बाजारों में उतरते हैं। 

उनके इन्हीं सब कदमों का नतीजा होता है की, साल 1990 आते-आते उनकी सफलता चरम पर पहुंच जाती है। 

इस समय दुनिया भर के ज्यादातर बैंक, एयरलाइन और सभी तरह के छोटे-बड़े व्यवसाय और संस्थाओं में जानकारी को जमा करने संभालने और उसका विश्लेषण करने के लिए, ओरेकल के डेटाबेस का इस्तेमाल किया जा रहा था, और सभी इस पर निर्भर हो गए थे। 

जिससे की लैरी को बहुत ही ज्यादा मुनाफा होता है, और वह एक बहुत ज्यादा अमीर व्यक्ति बन जाते हैं। 

लेकिन इस साल बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल कंपनी में खर्चा बहुत ही ज्यादा बढ़ गया था। जिससे कि कंपनी दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थी।

यह वह वक्त था, जब लैरी इतनी सफलता प्राप्त करने के बाद अपना सब कुछ खो सकते थे।

 इस दौरान वह अपने सूझबूझ का पूरा इस्तेमाल करते हुए कंपनी को बचाने के लिए, और खर्च कम करने के लिए, एक साथ 400 से भी अधिक कर्मचारियों को निकाल देने के साथ ऐसे ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। जिससे कि आखिरकार वह अपनी कंपनी को बचाने में सफल हो जाते हैं। 

1990 से 1993 के बीच ओरेकल को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ाने वाली डाटाबेस कंपनी के तौर पर नामांकित किया जाता है। 

इतनी सफलता प्राप्त करने के बावजूद लैरी रुकते नहीं है, और आगे बढ़ते रहते हैं। 

1995 के बाद डेटाबेस सिस्टम्स के क्षेत्र में प्रतियोगिता बहुत ही ज्यादा बढ़ गई थी, और माइक्रोसॉफ्ट और IBM जैसी बड़ी-बड़ी कंपनीया उनको कड़ी टक्कर दे रही थी। बावजूद वह अपने दुनिया में सबसे बड़े डेटाबेस कंपनी के स्थान पर बने रहते हैं। 

मेहनत का फल - एक शानदार जीवन 

दुनिया में बहुत सारे ऐसे अरबपति है, जो सफल होने के बावजूद मेहनत करते रहते हैं, और पैसों से आनंद ओर एंजॉय नहीं कर पाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ लैरी मेहनत करने के साथ ही पैसों का पूरी तरह लाभ उठाना जानते हैं। 

उन्हें विमान उड़ाने का बहुत ही ज्यादा शौक है, जिससे कि वक्त-वक्त पर उन्होंने कई महंगे विमानो private jet को खरीदा है। 

सतही में उन्हें दुनिया भर में महंगे चीजों को खरीदने के शौख रखने वाले व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है। वह वक्त वक्त पर महंगे और शानदार घर ओर रियल एस्टेट में निवेश करने के साथ ही में दुनिया भर की महंगा कारें को खरीदते रहते है। 

बावजूद इन सबके उनके संपत्ति में जरा सी भी कमी देखी नहीं जाती है, और साल 2006 में उन्हें कैलिफोर्निया के सबसे अमीर व्यक्ति के तौर पर नामांकित किया जाता है। 

यही नहीं साल 2010 तक उनके पास दुनिया की सबसे महंगी यॉर्ट थी। साथ ही में वह हवाई के 6 सबसे बड़े द्वीपों में से एक Lānaʻi के 98% जमीन के मालिक है। 

उन्हें अपने जीवन में अपने असली माता-पिता का प्यार कभी नसीब नहीं हुआ, और शादीशुदा जीवन में हर बार समस्याओं का सामना करना पड़ा। 

आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि उन्होंने अपने जीवन में चार बार से ज्यादा शादी की है, जिसमें कि हरबार उनका डिवोर्स हुआ है। 

भले ही उनका व्यक्तिगत जीवन बहुत ही ज्यादा बुरा और हर शादी में उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा हो, लेकिन वह अपने व्यावसायिक जीवन में बहुत ही ज्यादा सफल है।

उनकी कंपनी ओरेकल शुरुआत से अब तक दुनिया की सबसे बड़ी डाटाबेस सिस्टम कंपनी के स्थान पर बनी हुई है। आज उनके कंपनी की टेक्नोलॉजी दुनिया भर के जानकारी से जुडी हुई टेक्नोलॉजी की रीड की हड्डी बन गई है।

यह उनके जीवन भर के मेहनत, और इन्हीं सब कदमों का नतीजा है, की फोर्ब्स के हिसाब से आज वह $275.9  बिलियन संपत्ति के साथ, वह जैफ बेजॉस के बाद दुनिया के चौथ सबसे अमीर व्यक्ति है।

निष्कर्ष 

हमने लैरी एलिसन के इस जीवनी में, उनके बचपन से लेकर दुनिया के सबसे अरबपति व्यक्तियों में से एक बनने के सफर के बारे में जाना है। जिस दौरान उन्हें कई बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन वह रुकते नहीं है और अपना सफर जारी रखते हैं।

लैरी एलिसन की कहानी हमें यह सिखाती है कि हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, अगर आपके अंदर जिद और हुनर है तो आप किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं। उनके जीवन से हम सीख सकते हैं – "Success is not a matter of background, it’s a matter of belief." 

यह दिलचस्प और रोमांचक कहानी थी लैरी एलिसन की। धन्यवाद.......


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