"कॉलेज प्रोजेक्ट से अरबपति बनने तक – Snapchat की सच्ची कहानी!"


कैसा लगेगा जब आपको यह पता चलेगा कि, सिर्फ कुछ साल पहले एक कॉलेज प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुई कंपनी, आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी में से एक के साथ कड़ी प्रतियोगिता कर रही है।
 
सुनने में तो यह काल्पनिक लगता है, लेकिन यह सच में हुआ है। यह कहानी है "स्नैपचैट" और उसके निर्माता ईवान स्पीगेल की।  

जिन्होंने अपने शुरुआती दिनों में कई अलग-अलग आईडियाज पर काम किया, लेकिन उन्हें इन सब में कुछ खास सफलता नहीं मिली। लेकिन वह अपनी कोशिश जारी रखते हैं, और स्नैपचैट SNAPCHAT की शुरुआत करते हैं। 
 
वह इसे अपने नेतृत्व में इस स्थान तक ले जाते हैं कि, आज स्नैप को इंस्टाग्राम के सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी के तौर पर जाना जाता है।

जिससे कि इवान सिर्फ 25 साल की उम्र में दुनिया के सबसे युवा अरबपति बन जाते है। उनका यह सफर अपने आप में बहुत ही ज्यादा प्रेरणादाई और रोमांच से भरा हुआ है, जिसे गहराई से जानने के लिए आगे पढ़िए........

बचपन के दिन और शिक्षा 
ईवान थॉमस स्पीगेल का जन्म 4 जन 1990 को कैलिफोर्निया के लॉस एंजेलिस शहर में हुआ था। उनके पिता जॉन स्पीगेल स्टैनफोर्ड से प्रशिक्षित वकील थे, और मां मेलिसा थॉमस स्टैनफोर्ड से वकील बनी सबसे कम उम्र की महिला थी। 

उनके माता-पिता अपने जीवन में बहुत ही ज्यादा सफल थे, ओर वह अपने परिवार के साथ 4.6 मिलियन डॉलर के घर में रहा करते थे। 

इवान अपने दो बहनों में सबसे छोटे थे, ओर अपने बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए, उनकी मां इवान के जन्म के बाद अपनी नौकरी छोड़ कर पूरा समय उनको देने लगती है।

 वह अपनी छुट्टियां मनाने के लिए अपने परिवार के साथ यूरोप, माली और बहामास के कई खूबसूरत जगह पर जाते थे, और खूब आनंद में छुट्टियां गुजारा करते थे। जिससे कि उनका बचपन बहुत ही अच्छा और खुशियों से भरा हुआ रहता है। 

वह अपनी स्कूली पढ़ाई सांता मोनिका में क्रॉसरोड्स स्कूल फॉर आर्ट्स एंड साइंसेज से पूरी करते हैं। जिस दौरान जब वह हाई स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, तब उनके माता-पिता अलग हो जाते हैं। जिसका की इवान की पढ़ाई पर कुछ खास असर नहीं पड़ता है। 

उन्हें बहुत ही कम उम्र से टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट डिजाइन में बहुत ही ज्यादा दिलचस्पी थीं। जिससे वह हाई स्कूल के साथ ही ओटिस कॉलेज ऑफ़ आर्ट एंड डिज़ाइन में डिजाइन की पढ़ाई करते हैं। 

इस दौरान छुट्टियों में वह "रेड बुल" में इंटर्नशिप करते हैं, जहपर वह प्रोडक्ट डिजाइन और सेल्स के विभाग में काम करते है, और आगे भी वह कई अलग-अलग जगह पर अपनी इंटर्नशिप करते हैं। 

STANFORD DAYS, स्टैनफोर्ड के दिन

अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद, इवान स्टैनफोर्ड में प्रोडक्ट डिजाइन के पढ़ाई के लिए दाखिला ले लेते हैं। यहां पर पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात गणित और कंप्यूटेशनल साइंसेज के विद्यार्थी बॉबी मर्फी से होती है।

 यहां पर यह दोनों साथ में मिलकर futurefreshman.com वेबसाइट की शुरुआत करते है, जिससे कि वह विद्यार्थियों को कॉलेज एडमिशन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में मार्गदर्शन करने का काम करते हैं। 

लेकिन आगे उनके इस वेबसाइट को कुछ खास लोकप्रियता न मिलने के कारण उनका यह आइडिया बुरी तरह से असफल हो जाता है। 


✨ स्नैपचैट का शुरुआती विचार

स्टैनफोर्ड में एक दिन की बात है। जब इवान अपने एक दोस्त रिग्गी ब्रोन के साथ किसी बात पर चर्चा कर रहे थे, जिस दौरान ब्रोन अपना विचार इवान को बताते हुए यह कहता है, कि एक ऐसा ऐप होना चाहिए जिसके जरिए किसी के द्वारा भेजा गया फोटो एक बार देखने पर फोन में सेव न हुए डिलीट हो जाना चाहिए।

 इवान को ब्रोन का यह आइडिया बहुत ही ज्यादा पसंद आता है, और इसमें बहुतसी संभावनाएं (potential) नजर आती है। 

स्नैपचैट शुरुआत
 
अप्रैल 2011 को इवान इस ऐप के आइडिया को एक प्रोजेक्ट के तौर पर अपने प्रोजेक्ट डिजाइनिंग के क्लास में पेश करते हैं। जिसमें काम करने के लिए वह अपने दोस्त बॉबी मर्फी और ब्रोन को आमंत्रित करते है।

यह तीनों मिलकर अपने ऐप का नाम पिकाबो रखते हुए कंपनी की शुरुआत करते हैं। इस समय इवान की उम्र सिर्फ 20 साल थी, और वह खुद को कंपनी के सीईओ, बॉबी CTO और ब्रोन को चीफ ऑफ मार्केटिंग के तौर पर नियुक्त करते हैं। 

अपने कॉलेज के रुम से इवान ऐप को डिजाइन को तैयार करने का काम करते है। वही ऐप के कोड बॉबी द्वारा लिखे जाते हैं। 

इस तरह लोगों को एक दूसरे को आसानी से फोटो भेजना और आम बातचीत करने के फीचर के साथ, जून 2011 को "पिकाबो" का पहले वर्जन को लॉन्च किया जाता है। जिसके पीछे इवान का उद्देश्य इसे एक सोशल मीडिया ऐप ना बनाते हुए, एक आम बातचीत वाली ऐप बनाना था।

इन सब के बावजूद ऐप का मूल विचार ब्रोन का होने के कारण, ब्रोन ऐप के कानूनी अधिकार (पेटेंट) मिलने के लिए US गवर्मेंट को आवेदन करते हैं। लेकिन तीनों मे कंपनी के मालिकाना समझौता होने के कारण, ब्रोन का इवान ओर बॉबी के साथ बहुत बड़ा विवाद हो जाता है। जिससे कि ब्रोन को कंपनी को छोड़ना पड़ता है। 

आगे इवान और बॉबी, ब्रोन के बिना ही कंपनी को आगे बढाते हैं। आगे ऐप का नाम बदलकर "स्नैपचैट SNAPCHAT" कर देते है, और पैसिफ़िक पैलिसेड्स में इवान के पारिवारिक निवास का इस्तेमाल कंपनी के पहले ऑफिस के तौर पर करते हैं।  

शुरुआत में उन्होंने स्नैपचैट को सिर्फ आई फोन के यूजर्स के लिए बनाया था। ऐप के बारे में लोगों को पता चले इसके लिए वह ऐप की मार्केटिंग खुद से और ब्लॉग के द्वारा करते हैं।

जिससे कि उनके ऐप को शुरुआती कुछ यूजर्स मिलते है। लेकिन फिर भी यूजर्स की बढ़ाने की रफ्तार बहुत ही कम होती है, और साल 2011 के अंत तक उन्हें सिर्फ रोजाना 1000 एक्टिव यूजर्स मिल पाते हैं। 


सफलता - मेहनत का फल

इसी दौरान एप्पल कंपनी अपने पहले फ्रंट कैमरा वाले स्मार्टफोन को बाजार में उतरती है, जिसकी लोकप्रियता युवाओं में बड़ी तेजी के साथ बढ़ती जा रही थी, आगे कैमरा होने के कारण लोगोमे फोटो खींचने और बाकी लोगों को भेजने का आंकड़ा बहुतही तेजसे बढ़ने लगता है। 

यह सब स्नैपचैट के लिए बहुतही ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि लोग फोटो एक दूसरे को भेजने के लिए स्नैपचैट का ही इस्तेमाल करने लगे थे। 

इससे सिर्फ एक महीने भी ही उनके डेली एक्टिव यूजर्स का आंकड़ा 20 हजार को पार कर जाता है। जो की अगले एक महीने में डबल होकर 40 हजार तक पहुंच जाता है।

अब तक कंपनी का पूरा खर्चा यह दोनों कंपनी के संस्थापक खुद के जेब भर रहे थे। लेकिन लोगों में स्नैपचैट का इस्तेमाल बढ़ जाने के कारण, सर्वर का खर्चा भी बहुत ही ज्यादा बढ़ गया था। 

अब दोनों के पास के पैसे खत्म हो गए थे, और इस दौरान उनकी स्नैपचैट के द्वारा जरा सी भी कमाई नहीं हो पा रही थी, जिससे की पहली बार उन्हें दूसरी जगह से पैसा इकट्ठा करने की आवश्यकता पड़ती है। 

लाइट स्पीड वेंचर पार्टनर्स के द्वारा उन्हें 4.85 लाख डॉलर का निवेश मिलता हैं। जिसका इस्तेमाल वह कंपनी का स्टाफ और ऐप की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए करते हैं। जिससे कि लोग अब स्नैपचैट के इस्तेमाल से फोटो के साथ ही वीडियो भी भेज सकते थे। 

साथ ही में वह स्नैपचैट एंड्रॉयड वर्जन को भी बनाते है । जिससे कि हर स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति अब स्नैपचैट को इस्तेमाल कर सकता था। 

उनके इन्हीं सब कदमों का नतीजा था कि, अब लोगों में स्नैपचैट की लोकप्रियता बहुत ही ज्यादा तेजी से बढ़ती चली जा रही थी। 

अपनी कंपनी को पूरा समय देने के लिए, इवान अपनी डिग्री मिलने के सिर्फ कुछ दिनों पहले ही स्टैनफोर्ड से ड्रॉप आउट ले लेते हैं, और पढ़ाई को यही छोड़ देते हैं। और आगे 2012 के अंत तक स्नैपचैट के डेली एक्टिव यूजर्स का आंकड़ा 10 लाख को पार कर जाता है। 

इसी का नतीजा है कि, साल 2013 में उन्हें कई और जगह से निवेश मिलते हैं। जिससे वह लोगों को स्टोरी लगाने के साथ ही कई और मजेदार फीचर को ऐप में जोड़ते हैं। 

इसी दौरान ब्रोन यह कहते हुए की स्नैपचैट और उसका घोस्ट लोगों उसकी ही मूल कल्पना है, Snapchat पर केस देता है। यह मुकदमा कोर्ट में एक साल चलता है, इसके बाद इवान सितंबर 2014 में ब्रोन को 154 मिलियन डॉलर देते हुए, समझौता कर लिया जाता है।


दुनिया के सबसे युवा अरबपति 

इसी दौरान फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग स्नैपचैट की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, इसे खरीदने के लिए 3 बिलियन डॉलर का ऑफर देते हैं, जिसे की इवान यह कहते हुए ठुकरा देते हैं, कि स्नैपचैट में भविष्य के लिहाज से बहुत ही ज्यादा संभावना है। 

यह बात साल 2014 की है। जब इवान स्नैपचैट में लोकेशन फिल्टर के साथ विज्ञापनों को भी जोड़ते हैं, जिससे कि वह पहली बार स्नैपचैट के द्वारा कमाई शुरू कर पाते है। 

साथही में उन्हें इस साल 485.6 मिलियन डॉलर का निवेश मिलता हैं। जिससे की कंपनी की कुल कीमत 10 बिलीयन डॉलर तक पहुंच जाती है। 
 
स्नैपचैट में इवान की बहुत ही बड़ी हिस्सेदारी होने के कारण उनके संपत्ति में बहुत ही ज्यादा बढ़त होता है। जिससे कि वह सिर्फ 25 साल की उम्र में दुनिया के सबसे युवा अरबपति बन जाते हैं।

साल 2015 में फोर्ब्स इवान को दुनिया के सबसे युवा अरबपति के तौर पर नामांकित करती है, जहां पर उनकी संपत्ति 2.1 बिलियन डॉलर बताई जाती है। 

इसी दौरान उनकी मुलाकात बहुत ही खूबसूरत ऑस्ट्रेलियन मॉडल मिरांडा केर से होती है, जिससे की इन दोनों को आपस में प्यार हो जाता है और वह एक दूसरे को डेट करने लगता है।
जिससे कि आगे वह मई 2017 में एक दूसरे से शादी कर लेते हैं। 

2016 से 2018 के बीच में, इवान कंपनी का नाम बदलते हुए "SNAP INC." कर देते हैं, और साथ ही में फोटो फिल्टर को ऐप में जोड़ते हैं। जिससे कि फरवरी 2017 तक उनके डेली एक्टिव यूजर्स का आंकड़ा एक करोड़ 60 लाख को पार कर जाता है। 

वह end-to-end इनस्क्रिप्शन को स्नैपचैट में लागू करते हैं, जिससे कि यूजर्स का डाटा सुरक्षित रहे, और कोई भी उसे देखना सके, और आगे भी वह ऐसे कई महत्वपूर्ण बदलाव ऐप में करते हैं। जिससे कि स्नैपचैट दुनिया के सबसे लोकप्रिय ऐप में से एक बन जाते हैं। 

आगे उन्हें एक पब्लिक कंपनी के दुनिया के सबसे युवा सीईओ तौर पर नामांकित किया जाता है। 

यह बात साल 2018 की है। जब इवान स्टैनफोर्ड में वापस लौटते हैं, और अपने बचे हुए क्रेडिट को पूरे करते हुए अपने ग्रेजुएशन डिग्री को प्राप्त कर लेते हैं। 

यह बात साल 2021 की है। जब फोर्ब्स 400 की सूची में ईवान को 55 वा स्थान मिलता हैं। जिसमें कि उनके संपत्ति 13.8 बिलियन डॉलर बताई जाती हैं। 

अगर आज की बात की जाए तो, इवान के द्वारा कॉलेज प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किए गए स्नैपचैट का रोजाना इस्तेमाल 40 करोड़ से भी अधिक लोग कर रहे हैं।

यह दुनिया की सबसे लोकप्रिय ऐप में से एक के साथ ही, इंस्टाग्राम ओर फेसबुक के सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी बन गई हैं। यह वह चीजें है, स्नैपचैट को बहुत ही ज्यादा सफल ऐप बनती है। 

अगर हम इवान के स्नैपचैट को इतना सफल बनाने के पीछे के कारणों के बारे में पता करने की कोशिश करते हैं, तब हमें पता चलता है कि, उन्होंने हमेश से नए-नए कल्पनाओं पर कम किया, और कभीभी किसी अन्य ऐप के किसी फीचर को कॉपी नहीं किया। 

जिसमें कि जब भी वह फेल हो जाते तब वह अपने आइडिया मे अच्छे बदलाव करके फिर आजमाया किया करते थे।

इन्हीं सब कारणों की वजह से वह स्नैपचैट को बाकी ऐप से अलग बनाने में सफल रहे है, और इतने सफल व्यक्ति बन पाए हैं। यह दिलचस्प कहानी है स्नैपचैट के निर्माता इवान स्मिगल की। 

निष्कर्ष : 
इवान का जन्म एक समृद्ध परिवार में होने के बावजूद, वह बचपन से ही मेहनत करने के आदि रहे हैं। जिससे कि उन्हें स्नैपचैट बनाने के दौरान प्रेरणा मिलती रही है। 

उनका अपनी कंपनी को सफल बनाने के बाद स्टैनफोर्ड लोट कर अपने डिग्री को पूरा करना, व्यक्ति के जीवन में शिक्षा के महत्व को दर्शाता है।

उनका यह जीवन हर उसे व्यक्ति के लिए प्रेरणादाई है, जो जीवन में कुछ बड़ा कर इतिहास रचना चाहता है। धन्यवाद 

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