ब्रांड मशीन कहे जाने वाले संजीव जुनेजा जी, जिन्होंने अपने जीवन में कई सफल ब्रांड बनाए, और उन्होंने 2015 में उनके ब्रांड केश किंग को 1651 करोड़ में बेचकर FMCG क्षेत्र में इतिहास रच दिया , ओर आगेभी कई सफल ब्रांड बनाए। जिससे कि लोग उन्हें ब्रांड मशीन कहने लगे। उनका यह सफर अपने आप में ही बहुत ज्यादा मजेदार है, ओर हर मोड़ पर एक सफल ब्रांड बनाने के लिए कई चीजे साथ सिखाता है। इसके बारे में जानने के लिए आगे पढ़िए......
शुरुआती जीवन
1976 में जन्मे संजीव जुनेजा जी के पिता इंद्रकुमार जुनेजा अंबाला की एक प्रख्यात आयुर्वेदिक चिकित्सक थे। संजीव जी जब सिर्फ 5 साल के थे तब उनके पिता को हार्ट अटैक आया था। जिससे कि पिता को खोने का डर उनके मन में बैठ गया ओर वह अपना ज्यादातर समय अपने पिता के साथ बिताने लगे।
अपने पिता को आयुर्वेदिक इलाज करते देखकर उनमें इसके बारे में जानने के लिए जिज्ञासा बढ़ी, ओर उन्होंने आयुर्वेद और आयुर्वेदिक वनस्पतियों के बारे में पढ़ना शुरू किया। ओर उनके पिता भी उन्हे पढ़ने लगे। जो कि उन्हें बहुत ज्यादा पसंद आने लगा।
व्यवसाय की शुरुआत
सब कुछ अच्छा चल रहा था। लेकिन साल 1999 में उनके पिताजी चल बसे, इस समय उनकी उम्र सिर्फ 23 साल की थी और घर की सारी जिम्मेदारी संजीव जी पर आगयी। यह वक्त उनके लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल था।
इस वक्त उनको एक तरकीब सुझी, उन्होंने अपने मां से ₹2000 लेकर एक पहचान के डॉक्टर को उनके पिताजी के जगह बिठा दिया और उनको पिताजी की एक किताब दी। जिसमें कि आयुर्वेदिक औषधियां को इस्तेमाल करके इलाज कैसे करना है। इसके बारे में लिखा गया था। इस तरह उन्होंने उन डॉक्टर को इलाज करने के लिए कहा ।
उनका यह विचार सफल रहा और व्यवसाय बहुत ही अच्छे तरीके से चल पड़ा। जिसे आगे बढ़ाने के लिए, कई आयुर्वेदिक डॉक्टर को साथ में लेकर क्लीनिक खोलने शुरू करते हैं। आगे वह क्लीनिक और भी कई शहरों में खोले, ओर उनकी संख्या बढ़ने लगे। जिससे एक समय ऐसा भी आया कि उनके 80 क्लिनिक हो गए। जिससे कि वहां खुद नियंत्रित किया करते थे। जिस का नाम उन्होंने "sanjiv Juneja pvt. Ltd." रखा।
लेकिन इनका इसमें मन नहीं लग रहा था। क्योंकि उनके अंतर्गत आने वाले डॉक्टर जैसा वह चाहते थे वैसा नहीं किया करते थे। यह बात 2003 की है, जब उन्होंने अपने व्यवसाय से 2 करोड़ कमा लिए थे। आयुर्वेदिक प्रोडक्ट का बिजनेस करने के बारे में सोचते हुए, वह उनके बिजनेस से बाहर निकल ने का निर्णय ले लेते है।
क्योंकि बिजनेस बहुत अच्छा चलने के बावजूद ओ बाहर निकल गए, जिस कारण उन्हें उनके रिश्तेदार और पहचान वालों के कई ताने सुनने पड़ते हे।
लेकिन वह अपने निर्णय पर अटल रहे।
आगे वह अपनी आयुर्वेद समझ का इस्तेमाल करते हुए, खुद आयुर्वेदिक दवाइयां और उत्पाद बनाकर खुद ही अपने स्कूटर पर घूम-घूम कर बेचने लगे। इस समय उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।, इस समय वह बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं और मार्केट के बारे में जानकारी जुटाते हे।
वह इस समय यह जान गए थे कि, अच्छे क्वालिटी आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्माण करने के लिए और ग्राहकों की मांग पूरी करने के लिए, उन्हें एक आधुनिक और अत्याधुनिक कंपनी की जरूरत है। जिससे वह साल 2008 में कला अंब में अपनी फॉर्म और हिमाचल प्रदेश में "SBS biotech unit - ll" फर्म की पार्टनरशिप के साथ शुरु करते हैं।
Kesh King की शुरुआत और सफलता
यह बात 2009 की है। जब संजय यह एहसास होता है, कि बाल झड़ने की समस्या लोगों में आम होचली है। जिससे कि वह इस समस्या को खत्म करने वाले आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने के बारे में सोचते हैं। ओर कम पर लग जाते हे।
आगे जल्द ही वह ऐसे आयुर्वेदिक उत्पाद को बना लेते हैं। जिसे की वह "केश किंग" के नाम से बाजार में उतरते हैं। यह बड़े ही असरदार तरीके से बाल झड़ने की समस्या का निवारण कर रहा था।
शुरुआती 2 साल में वह खुद घूम घूम कर अपने उत्पादको बेचा करते, जिससे कि वह ग्राहकों की प्रतिक्रिया जान सके। प्रतिक्रिया अच्छी आई तो वह अपने "केश कांति" को और भी जगह पर बेचने लगे।
क्योंकि उत्पाद बहुत ही अच्छा और सरदार था जिस कारण वह चल पड़ा और, उनकी SBS बायोटेक इतनी तेजी से आगे बढ़ने लगे की FMCG क्षेत्र में सबसे तेजी से आगे बढ़ाने वाली कंपनी बन गई। उन्होंने पहले साल ही 6 करोड़ कमाई की, जो कि दूसरे साल बढ़कर 13 करोड़ की हो गई और इसी तरह चौथा साल आते-आते उनके कमाई ने 150 करोड़ के अकड़े को पार कर दिया।
जिस कारण बड़ी-बड़ी कंपनियों जैसे की गोदरेज इमामी और अन्य कंपनियों की उन पर नजर पड़ने लगी। उन्होंने केश किंग को खरीदने के लिए संजीव बहुत ही अच्छे ऑफर दिए, लेकिन उनकी डील इमामी (imami) के साथ हुई । संजीव ने उनके इस सफल ब्रांड को 1651 करोड़ में इमामी कंपनी को बेचकर FMCG क्षेत्र में इतिहास रच दिया था।
Brand machine :
बालों की झड़ने की समस्या को देखते हुए जिस तरह उन्होंने केश किंग की शुरुआत की थी। इस तरह उन्होंने कब्ज की समस्याओं को देखते हुए इसके समाधान के लिए नया प्रोडक्ट बनाने का निर्णय लिया। इस समय लोगों ने उन्हें कहा कि एक प्रोडक्ट तो तुक्के से चल गया लेकिन हर प्रोडक्ट नहीं चलेगा।
लेकिन उन्होंने लोगों को गलत साबित कर अपना अगला प्रोडक्ट पेट-सफा लॉन्च किया, जो की कब्ज की समस्या का निवारण करता था। यह भी प्रोडक्ट बहुत ज्यादा सफल रहा । ऐसे ही उन्होंने कई ब्रांड जैसे की हेमपुष्पा , डॉ. ऑर्थो , रूप मंत्र ऐसे ही कई सफल ब्रांड बनाएं जिस कारण लोगों उन्हें ब्रांड मशीन कहने लगे। आज उनकी संपत्ति कई हजार करोड़ में है और आज वह अपनी जिंदगी में बहुत ज्यादा खुश है।
Strategies :
दमदार प्रोडक्ट : संजीव जी जब भी अपना प्रोडक्ट बनाते तो इस बात पर खास ध्यान देते थे की प्रोडक्ट दमदार और असरदार रहे
क्लियर कम्युनिकेशन : आप अगर उनकी एडवर्टाइजमेंट देखेंगे तो आप यह बात महसूस करेंगे कि वह जो भी कहना चाहते हैं वह साफ और आसान शब्दों में लिखा जाता है जैसे कि आम आदमी आसानी से समझ सके
यह ओ कुछ स्ट्रेटजी से जिसका इस्तेमाल संजीव जुनेजा जी ने अपने ब्रांड को सफल बनाने में किया है।
Conclusion :
संजू जुनेजा जी बहुत ही महत्वाकांक्षी व्यक्ति है। उन्होंने अपने व्यवसाय के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की और लोगों के ताने सुनकर भी उन्होंने अपना रास्ता कभी नहीं बदला । वे आज ऐसे युवाओं के लिए जो आगे चलकर उद्योगपति बनना चाहते हैं उनके लिए आदर्श है। धन्यवाद...
हमारे बारे मे :
हम आपके लिए ऐसा प्लेटफॉर्म प्रोवाइड करते हैं जिसमें आप ऐसे व्यक्तियों की कहानियों को पढ़ सकते हैं जो खुद के दम पर करोड़पति बने, ताकि आप उनके बारेमे पढ़कर उनके जीवन से सीख कर अपना अमीर बनने का सफर पूरा कर सके।
साथ ही आपको इसमें कई सफल कंपनी योक केस स्टडी भी पढ़ने मिलेंगे जिससे उनके इतने सफल बनने का राज आप जान पाएंगे । जिसे आप अपने व्यवसाय में इस्तेमाल कर उसे सफल बना सकते हैं
0 टिप्पणियाँ